Tuesday, May 24, 2022

केएमसी भाषा विश्विद्यालय में तीन दिवसीय कार्यशाला का प्रारंभ



केएमसी भाषा विश्विद्यालय में तीन दिवसीय कार्यशाला का प्रारंभ 


ब्यूरो चीफ अंकित रावत


ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय लखनऊ के व्यवसाय एवं प्रबंधन विभाग द्वारा आज ‘वित्तीय नियोजन एवं स्टॉक मार्केट में निवेश’ विषयक तीन दिवसीय कार्यशाला का आरंभ किया गया जिसका स्वागत भाषण प्रो० एहतेशाम अहमद (संकाय अध्यक्ष वाणिज्य संकाय) ने दिया। 


कार्यशाला के मुख्य वक्ता के तौर पर लेफ्टिनेंट डॉ नैंसी गुप्ता (सहायक आचार्य ANO, NCC, SRMU) एवं श्री राज पांडे (CFP, CM) उपस्थित रहे। श्री राज पांडे ने स्टॉक मार्केट में निवेश की आधारभूत जानकारी प्रदान की। डॉ नैंसी गुप्ता ने डीमैट खाते के बारे में विस्तार से बताया और उपस्थित विद्यार्थियों का डीमैट खाता भी खुलवाया। अगले दो दिनों में प्रतिभागियों को इन खातों में पूंजी निवेश से संबंधित बारीकियों से अवगत कराया जाएगा।

कार्यशाला के आयोजक प्रो हैदर अली (विभागाध्यक्ष व्यवसाय एवं प्रबंधन विभाग) उपस्थित रहे ।कार्यक्रम समन्वयक डॉ दुआ नकवी, सह समन्वयकडॉ ज़ैबुन निसा रहीं।


*भाषा विश्वविद्यालय में अब उर्दू अरबी फ़ारसी के साथ साथ अन्य भाषाओं को भी चुन सकेंगे विद्यार्थी


ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों के लिए पूर्व में उर्दू अरबी, फ़ारसी एवं संस्कृत भाषाओं का प्रारंभिक स्तर पर अध्ययन अनिवार्य किया गया था एवं इन विषयों में उत्तीर्ण होना विद्यार्थियों के लिए अनिवार्य था। विद्यार्थियों के रुझान को देखते हुए एवं भाषाओं की प्रोन्नति के उद्देश्य से अब भारतीय भाषाओं के साथ साथ विद्यार्थी अंग्रेज़ी, फ्रेंच, जर्मन, जापानी एवं अन्य विदेशी भाषाओं एवं इंट्रोडक्शन टू हिस्ट्री एंड कल्चर ऑफ़ लैंग्वेजेज विषयों में से किसी भी विषय का चयन एलिमेंटरी स्तर पर कर सकें

इन भाषाओं में विद्यार्थियों को उत्तीर्णाक प्राप्त करना अनिवार्य होगा किंतु इन अंकों की गणना परिणाम के प्रतिशत में नहीं की जाएगी



केएमसी भाषा विश्विद्यालय के विद्यार्थियों ने प्रधानमंत्री  उज्ज्वला गैस योजना के तहत ग्रामीण महिलाओं का फीडबैक लेने के लिए घर घर जाकर सर्वेक्षण किया


जेंडर सेंसिटाइजेशन कार्यक्रम के तहत आज केएमसी भाषा विश्वविद्यालय के गृह विज्ञान विभाग की सहायक आचार्य, डॉ. प्रियंका सूर्यवंशी ने भूडपुरवा चिनहट प्रखंड में लैंगिक असमानता और प्रधान मंत्री उज्ज्वला गैस योजना के लिए जागरूकता कार्यक्रम का समन्वयन किया। बीएससी गृह विज्ञान के विद्यार्थियों ने इस योजना के लिए ग्रामीण महिलाओं का फीडबैक लेने के लिए घर-घर जाकर सर्वेक्षण किया और जिन लोगों के पास कनेक्शन नहीं था, उन्हें योजना के बारे में बताया । उन्होंने यह भी बताया गया कि विश्वविद्यालय द्वारा उन्हें इस योजना का लाभ उठाने और फॉर्म भरने में मदद की जाएगी। उज्ज्वला योजना द्वारा धुंआ रहित भारतीय ग्रामीण जीवन की परिकल्पना की गई है। इस योजना का उद्देश्य एलपीजी के उपयोग को बढ़ाना और स्वास्थ्य संबंधी विकारों, वायु प्रदूषण और वनों की कटाई को कम करना है। भारत में लगभग 41% परिवार अभी भी खाना पकाने के लिए जीवाश्म ईंधन का उपयोग कर रहे हैं।


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