चिल्लूपार का रण : योगी फैक्टर के साथ ही ब्राह्मण बनाम ब्राह्मण की लड़ाई पर जोर
गोरखपुर- उत्तर प्रदेश में एक तरफ जहां बारिश के साथ ही मौसम में सर्दी का सितम जारी है तो वहीं राजनीतिक गर्मी पूरी तपिश दे रही है। पूर्वांचल में इस बार लड़ाई काफी रोमांचक मुकाबले में दिखाई दे रही है। मुख्यमंत्री का गृह जनपद गोरखपुर इस बार भी काफी चर्चा में बना हुआ है।
नौ विधानसभा वाले गोरखपुर में पिछली बार सत्तासीन भाजपा के पाले में 08 सीट आई थी। जनपद के दक्षिणांचल में स्थित चिल्लूपार विधानसभा सीट पर भाजपा अपना परचम नही लहरा पाई और यहां बाहुबली व माफिया हरिशंकर तिवारी के पुत्र विनय तिवारी ने बसपा के टिकट पर जीत दर्ज किया था। इस बार विनय शंकर तिवारी ने चुनाव से पहले अपने पूरे कुनबे के साथ सपा का दामन थाम लिया है। सपा ने उन्हें प्रत्याशी भी बनाया है। इसके साथ ही भाजपा ने पूर्व मंत्री व पूर्व में भी प्रत्याशी रहे राजेश त्रिपाठी को टिकट दिया है। बसपा की बात करें तो बसपा ने यहां से पूर्व विधायक राजेंद्र सिंह पहलवान को प्रभारी प्रत्याशी बनाया है। लेकिन मुख्य मुकाबला भाजपा के राजेश त्रिपाठी व सपा के विनयशंकर तिवारी में दिखाई देता है।
ब्राह्मण बाहुल्य इस सीट पर ब्राह्मण मतदाता काफी अहम माने जाते हैं। हालांकि पिछले तीन चुनाव में यह सीट बसपा के ही खाते में रही है। 2007 से 2017 तक राजेश त्रिपाठी बसपा से ही यहां के विधायक चुने गए थे। 2017 में विनय शंकर तिवारी भी बसपा के टिकट पर ही चुनाव जीते थे। लेकिन 2022 का मुकाबला काफी बदला हुआ नजर आ रहा है।
इस बार न राजेश त्रिपाठी बसपा में हैं और न ही विनय शंकर तिवारी। राजेश जहां भाजपा के सहारे चुनाव जीतने में लगे है तो वहीं विनयशंकर सपा के साइकिल पर सवार होकर चुनाव जीतने के कोशिश में लगे है। ब्राह्मण बाहुल्य क्षेत्र होने के नाते दोनों प्रत्याशी ब्राह्मण मतदाताओं को अपने तरफ करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। कहा जाता है कि चिल्लूपार का ब्राह्मण जिसके साथ होता है उसी की जीत होती है। हालांकि मुख्यमंत्री का गृह जनपद होने के नाते योगी आदित्यनाथ का भी प्रभाव काफी दिखाई पड़ता है। राजेश त्रिपाठी जहां केंद्र व प्रदेश के डबल इंजन सरकार द्वारा किये गये विकास के कार्य, अपराधियों व दबंगो पर किये गये कार्य को गिना रहें है तो वहीं विनय शंकर तिवारी ब्राह्मण अत्याचार की बात कहकर जनता को अपने तरफ आकर्षित करना चाहते हैं। गौरतलब हो कि पिछले 2017 के चुनाव में योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री का चेहरा नही घोषित किया गया था, लेकिन इस बार सबको पता है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं और संगठन ने दुबारा उनपर भरोसा जताया है तो भाजपा नेताओं को उम्मीद है कि इस बार चिल्लूपार में भी इसका असर होगा और जीत हासिल होगी। भाजपा के प्रत्याशी राजेश त्रिपाठी का कहना है कि 2007 से पहले चिल्लूपार को दबंगई के वजह से जाना जाता था। लेकिन 2007 में उन्होंने पं हरिशंकर तिवारी को चुनाव हराकर इसपर विराम लगाया। उन्होंने कहा कि जिस जगह पर गोली व बारूद की बात की जाती थी मैंने चुनाव जीतने के बाद ही सबसे पहले होम्योपैथिक मेडिकल कालेज के तोयफ़ा क्षेत्रवासियों को दिया। अब चिल्लूपार की धरती से डॉक्टर पैदा होते हैं। उन्होंने कहा कि 2017 के चुनाव के मेरा पैर टूट गया था, इसके साथ ही हरिशंकर तिवारी ने अपने बाहुबल के प्रयास से दस हजार वोटों की बूथ कैप्चरिंग की और गलत तरीके से चुनाव जीत सकें लेकिन इस बार ऐसा नही होने वाला। इस बार स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नजर चिल्लूपार सीट पर है। जनता भी मोदी व योगी के विकास कार्यों को देख रही है। उन्हें विकास के साथ ही धर्म व राष्ट्र की सेवा करने वाला नेता चाहिए बल्कि ब्राह्मण-ब्राह्मण के नाम पर जनता को गुमराह करने वाला कोई बाहुबली व माफिया नही।
पूर्व मंत्री ने कहा कि जहां तक बात ब्राह्मण की है तो ब्राह्मण वर्ग समाज का काफी विद्वान वर्ग माना जाता है। ब्राह्मण की बात करने वाले श्री तिवारी बताएं कि उन्होंने क्षेत्र के कितने ब्राह्मणों का भला किया है। उन्होंने सिर्फ ब्राह्मणों के नाम पर वोट प्राप्त कर उन्हें ठगने का काम किया है। आज जब केंद्र में मोदी व प्रदेश में योगी की सरकार है तो ब्राह्मणों के साथ ही हिन्दुओ के आराध्य श्रीराम चन्द्र के मंदिर के साथ ही काशी व मथुरा में भी मन्दिर का निर्माण मोदी व योगी के नेतृत्व में किया जा रहा है। ब्राह्मण वर्ग आस्थावान होता है, और उनके आस्था को किसी ने समझा है तो भाजपा ने। ब्राह्मण वोट की बात करने वाले विनय स्वयं सपा में जाकर शामिल हो जाते है। सपा की सरकार में ही राम भक्तों पर गोलियां चलाई गई थी। उनके शासन में किस प्रकार से गुंडागर्दी होती थी इसे बताने की आवश्यकता नही है। तो क्या यह समझा जाये कि अपने पुराने समय के गुंडागर्दी को कायम रखने के लिए वह लोग सपा में शामिल हुए हैं। अगर ऐसा है तो सनद हो कि चिल्लूपार में भी आने वाले समय मे योगी आदित्यनाथ का बुलडोजर चलेगा और इस बार बूथ की कैप्चरिंग नही बल्कि लोकतांत्रिक तरीके से वोट पड़ेंगे।