कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी एवं पेंशनर अधिकार मंच जनपद लखनऊ
लखनऊ प्रदेश भर के कर्मचारी व शिक्षकों पुरानी पेंशन के बहाली,क्रमिक वाह शिक्षकों को कैशलेस चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने, शिक्षामित्रों, अनुदेशकों के स्थायीकरण, वेतन विसंगतियां दूर करने, रिक्त पदों पर पदोन्नति करने जैसी 11 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेश भर के सभी जिला मुख्यालयों पर कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी एवं पेंशनर्स अधिकार मंच उत्तर प्रदेश आवाहन पर धरना देकर अपनी मांगों का समर्थन किया।
लखनऊ के कर्मचारी व शिक्षकों ने बड़ी संख्या में जनपदीय मंच के अध्यक्ष सुधांशु मोहन की अध्यक्षता में जिलाधिकारी आवास के सामने, सरोजिनी नायडू पार्क, लखनऊ में एकत्र होकर धरना दिया.
प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर दिनेश चंद्र शर्मा ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि अब तक कर्मचारी संगठनों की मांगों पर पूर्व की सरकारे समस्याओं का निराकरण करती थी। परंतु यह पहली सरकार है जो कर्मचारियों द्वारा अपने संघर्षों से अर्जित की गई उपलब्धियों को छीन रही है प्रदेश के कर्मचारियों के महंगाई भत्ते का 10 हजार करोड़ का भुगतान सरकार ने रोका हुआ है एक दर्जन से अधिक भत्ते समाप्त कर दिए गए हैं 5 वर्ष के कार्यकाल में एक भी शिक्षक को पदोन्नति नहीं दी गई। शिक्षामित्र व अनुदेशकों को भुखमरी के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया गया है। आंगनवाड़ी एवं रसोईया आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। परंतु फिर भी सरकार संवेदन शून्य बनी हुई है।
मंच के प्रधान महासचिव सुशील कुमार त्रिपाठी ने कहा कि प्रदेश के कर्मचारियों के लिए कैशलेस चिकित्सा हेतु नियमावली बन जाने के बाद भी लागू नहीं की गई। विभागाध्यक्ष के संतुष्टि के बाद भी कलेक्ट्रेट को विशिष्ट प्रतिष्ठा प्रदान करते हुए ग्रेड वेतन उच्च कार्य करने का शासनादेश जारी नहीं किया गया। 6 जनपदों को मिनी सचिवालय घोषित करने के बाद भी अन्य औपचारिकताएं पूर्ण नहीं की गई है। प्राथमिक शिक्षक संघ के महामंत्री संजय सिंह ने कहा कि वर्तमान सरकार कर्मचारी व शिक्षक विरोधी है।
परंतु इस बार शिक्षक व कर्मचारी एकजुट होकर अपनी मांगों को मनवाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं सरकार को मांगे माननी पड़ेगी अन्यथा सरकार को खामियाजा भुगतना पड़ेगा कलेक्ट्रेट मिनिस्ट्रियल संघ के महामंत्री अरविंद कुमार ने बताया कि कलेक्टर कर्मचारियों के नायाब तहसीलदार के पद पर पदोन्नति करने का निर्धारित किया गया है सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियों सभी विभागों के लिए लागू नहीं की गई है। मंच के महासचिव राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री शिव बरन यादव ने कहा कि प्रदेश के मुख्य सचिव के बार-बार निर्देशों के बावजूद भी उन्हीं के अधिकारियों द्वारा सेवा संघ के पदाधिकारियों से वार्ताएं नहीं की जा रही यही कारण है कि कर्मचारियों की मांगे लंबित हैं और अब तक कर्मचारी शिक्षक अधिकारी एवं पेंशनर्स अपने अधिकारों के लिए विवश हुए हैं।
मंच का संचालन जनपद के प्रधान महासचिव अशोक कुमार श्रीवास्तव के द्वारा किया गया धरने को डॉक्टर आर,पी मिश्रा, नरेंद्र वर्मा, अमिता त्रिपाठी नरेंद्र सिंह, वीरेंद्र सिंह, फहीम वेग, आरके द्विवेदी, सुभाष चंद्र तिवारी, अविनाश श्रीवास्तव, महेंद्र सिंह डोलिया, पवन कुमार सिंह,सुरेश यादव,अमरजीत मिश्रा,पूजा सिंह रवि चौहान फहीम अख्तर आदि ने संबोधित किया।
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