Sunday, July 30, 2023

स्थानांतरण नीति के विरूद्ध किए गए पदाधिकारियों , विकलांग वा छोटे बच्चों की मां का स्थानांतरण निरस्त किया जाए- रेनू शुक्ला


 स्थानांतरण नीति के विरूद्ध किए गए पदाधिकारियों , विकलांग वा छोटे बच्चों की मां का स्थानांतरण निरस्त किया जाए- रेनू शुक्ला

 लखनऊ , 30 जुलाई 2023, भारत के संविधान का अनुच्छेद 19 देश में अभिव्यक्ति की आजादी देता है और संगठन बनाने और उसे चलाने का अधिकार देता है। कर्मचारी संगठन बुनियादी रूप से कर्मचारियों का जो गुस्सा और समस्या है उसे सूत्र बद्ध करते हैं और शासन प्रशासन के संज्ञान में लाते हैं, ताकि उनका समाधान हो सके और विभागीय कार्य शांति से पूर्ण होते रहे। लेकिन आई.सी.डी.एस विभाग मौजूदा समय में इस शांति को भंग करने में लगा है। कर्मचारी आंदोलन का चैतरफा दमन किया जा रहा है। जानबूझ कर साजिश के तहत नियम विरुद्ध स्थानातंरण किए गए हैं यह कार्रवाई लोकतंत्र के लिए अशुभ है। ऐसी स्थिति में विभाग को दमनकारी नीति वापस लेनी चाहिए और आईसीडीएस में नियम विरुद्ध किए गए सुपरवाइजर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों के ट्रांसफर को वापस लिया जाए। यदि विभाग इस दिशा में कार्यवाही नहीं करता तो मजबूरी में हमें 1 अगस्त से अनिश्चतकालीन घरना करना पड़ेगा जिसकी सारी जिम्मेदारी विभाग की होगी। यह बातें प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में आईसीडीएस सुपरवाइजर्स एसोसिएशन की प्रांतीय अध्यक्ष रेनू शुक्ला और महामंत्री शशिकांता ने कहीं। उन्होंने कहा कि पिछले 14 वर्षों से विभाग में सुपरवाइजर्स की पदोन्नती लम्बित है प्रभारी बनाकर सुपरवाइजर्स का शोषण किया जा रहा है और एसीपी का भी लाभ नहीं दिया जा रहा है। 

उन्होंने कहा कि सरकार की ट्रांसफर नीति में कहा गया कि पदाधिकारी बनने के 2 वर्ष की अवधि तक ट्रांसफर नहीं किया जाएगा। बावजूद इसके सुपरवाइजर्स एसोसिएशन के प्रांतीय पदाधिकारियों समेत जिला स्तरीय पदाधिकारियों का ट्रांसफर कर दिया गया। जबकि एक वर्ष पूर्व ही सुपरवाइजर एसोसिएशन का चुनाव हुआ है जिसके बारे में विभाग को पूर्व मे सूचना दी गई है। इतना ही नहीं विकलांग, बीमार और छोटे बच्चों की माताओं वाली सुपरवाइजरों का भी ट्रांसफर कर दिया गया है। यह उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी ट्रांसफर नीति के विरुद्ध है स्थानांतरण नीति में स्पष्ट उल्लेख है कि पूरे प्रदेश में जो एक ही स्थान पर सबसे ज्यादा समय से है उसका स्थानांतरण पहले किया जाए किंतु विभाग द्वारा ऐसा न करके मात्र लखनऊ और उसके आसपास के जिलों से स्थानांतरण किए गए और महज कर्मचारी नेताओं के उत्पीड़न के लिए की गई कार्यवाही है, जिसे वापस लिया जाना चाहिए। पिछले एक हफ्ते से पूरे प्रदेश की मुख्य सेविकाओं द्वारा काली पट्टी बांधकर सरकार का ध्यानाकर्षण कराया जा रहा है और मुख्यमंत्री जी के नाम ज्ञापन भी भेजे गए। लेकिन अभी तक विभाग ने हमारी मांगों के संदर्भ में कोई कार्यवाही नहीं की है इसलिए यह फैसला लिया गया है कि 1/8/2023 को लखनऊ में इंदिरा भवन पर अनिश्चितकालीन घरना किया जाएगा। उन्होंने सभी कर्मचारी संगठनों से दमनकारी नीतियों के विरुद्ध लोकतंत्र व शांति के लिए शुरू हो रहे सत्याग्रह आंदोलन का समर्थन करने और शामिल होने की अपील भी की. 

उन्होंने कहा कि महिला उन्नति, समृद्धि और स्वावलंबन की बड़ी बातें प्रदेश में हो रही है। लेकिन महिलाओं के विभाग आईसीडीएस में न्यूनतम अधिकार भी शासन प्रशासन के द्वारा नहीं दिए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि वर्षों से सुपरवाइजर के एसीपी और पदोन्नति की मांग उठाई जा रही है लेकिन इसे पूरा नहीं किया गया। इसी तरह से विभाग की अन्य महिला कार्मिकों के न्यूनतम सवाल भी हल नहीं किए जा रहे हैं। परिणामतः महिलाओं को सामाजिक और आर्थिक उत्पीड़न झेलना पड़ रहा है। पत्रकार वार्ता में अर्चना वर्मा, मीना वर्मा,ममता यादव, सुघा अग्निहोत्री, सुमन देवी, सरिता चैधरी, रश्मि सिंह, निरूपमा, संगीता उमराव, अनिता गौतम, स्मिता, सुधा मौर्या, शशी सिंह आदि पदाधिकारी शामिल रहे।

Sunday, July 16, 2023

जल संरक्षण के लिए 1090 चौराहे पर जल शक्ति मंत्री के साथ उमड़ा स्कूली बच्चों का सैलाब*

 *जल संरक्षण के लिए 1090 चौराहे पर जल शक्ति मंत्री के साथ उमड़ा स्कूली बच्चों का सैलाब 


रिपोर्ट - सर्वोत्तम श्रीवास्तव 

*लखनऊ। 

भूजल संरक्षण के लिए 1090 चौराहे पर रविवार सुबह स्कूली बच्चों का सैलाब उमड़ा। सभी ने जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह के साथ कदम से कदम मिलाकर जल बचाने का संकल्प लिया। 'जन-जन ने ठाना है, पानी को बचाना है' और 'ये संकल्प निभाना है, हर एक बूंद बचाना है' जैसे जल संचयन और संरक्षण के नारे भी लगाए। जल जागरूकता के माहौल के बीच स्वयंसेवी संस्थाओं और स्कूली बच्चों ने हाथों में जल संरक्षण के पोस्टर लेकर जल बचाने का संदेश दिया। इस मौके पर जल बचाने के लिए नुक्कड़ नाटक भी हुए। गोमती रिवर फ्रंट पर स्कूली बच्चों, एनसीसी कैडेटों, स्काउट गाइड के बच्चों और स्वंसेवी संस्थाओं ने जल बचाने के लिए मानव श्रृंखला बनाई। वो स्कूली बच्चों के साथ जल जागरूकता के लिये दौड़ लगाते भी दिखे। जल शक्ति मंत्री ने यहां से लखनऊ से बांदा के लिए 'जल मैराथन' को हरी झण्डी भी दिखाई।


राजधानी के 1090 चौराहे से रविवार सुबह भूजल सप्ताह का शुभारंभ जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने किया। यह कार्यक्रम भुगर्भ जल विभाग की ओर से आयोजित किया गया । इस दौरान जल शक्ति मंत्री कार्यक्रम में मानव श्रृंखला बनाने में जुटे स्कूली बच्चों, एनसीसी कैडेटों, स्काउट गाइड के बच्चों और स्वयंसेवी संस्थाओं के सदस्यों से मिले। बच्चों के बीच पहुंचकर उन्होंने जल संरक्षण और संचयन के नारे भी लगाए और स्कूली बच्चों को जल संचयन और संरक्षण का महत्व भी बताया। बच्चों ने उनके साथ 'घर का पानी घर में, खेत का पानी खेत में' नारे को भी दोहराये। कार्यक्रम में जल जागरूकता के माहौल के बीच स्वयंसेवी संस्थाओं और स्कूली बच्चों ने गोमती रिवर फ्रंट मार्ग तक जल जागरूकता पदयात्रा भी निकाली। कार्यक्रम में भुगर्भ जल विभाग के निदेशक वी. के. उपाध्याय समेत विभाग के समस्त अधिकारी भी मौजूद रहे। 

*जल शक्ति मंत्री ने जल जागरूकता के लिए इकट्ठा हुए बच्चों के साथ लगाई दौड़*

जल शक्ति मंत्री ने भूजल सप्ताह के शुभारंभ पर 1090 चौराहे पर इकट्ठा हुए विभिन्न स्कूली बच्चों के साथ दौड़ लगाई और बच्चों को जल बचाने का संदेश भी दिया। स्कूली बच्चे भी कदम से कदम मिलाकर जल शक्ति मंत्री के साथ दौड़े। जल शक्ति मंत्री ने साइकिल पर जल जागरूकता के लिए निकली संस्थाओं के सदस्यों को हरी झण्डी दिखाई। एनसीसी के बच्चों से मिले। सीएमएस की छात्रा अराध्या और कई अन्य छात्र-छात्राओं को जल बचाने का संदेश भी दिया। 

*सरकार, संगठन और समाज के प्रयासों से संवर रहा कल: स्वतंत्र देव सिंह*

जल शक्ति मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आने के बाद से देश में स्वच्छता के साथ जल संरक्षण भी जन आंदोलन बन चुका है। उन्होंने कहा कि आज जल प्रबंधन के लिए जो काम हो रहे हैं पिछले 70 सालों में नहीं हुए। उन्होंने कहा कि सरकार, संगठन और समाज आज जिस तरह से जल संरक्षण और संचयन के लिए जुटे हैं। पोखर, तालाब और चैक डैम बनाए जा रहे हैं उससे आने वाले 200 सालों के लिए जल संरक्षण संभव हो सकेगा। उन्होंने कार्यक्रम में जन-जन से जल बचाने का आग्रह किया। पानी की बर्बादी नहीं करने और जल को सुरक्षित करने की अपील भी की। उन्होंने कहा कि आइये, हम सब मिलकर यह संकल्प ले कि प्रदेश के हर गांव, हर शहर हर जनपद में भूजल के स्रोतों के सुरक्षा, संरक्षण एवं इसका दुरूपयोग रोकने तथा बारिश की हर बूंद को बचाने एवं संरक्षित करने का प्रयास करेगें।  

*लखनऊ से शुरू हुई जल मैराथन 20 को पहुंचेगी बांदा*

जल मैराथन लखनऊ से रायबरेली, फतेहपुर होते हुए 20 जुलाई को बांदा पहुंचेगी। इस दौरान जहां-जहां जल मैराथन पहुंचेगी वहां ग्राम पंचायत स्तर पर जल चौपाल आयोजित की जाएंगी और लोगों को जल संरक्षण का महत्व बताया जाएगा।

ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय, लखनऊ में डॉ. सुमन कुमार को विभागाध्यक्ष पद का प्रभार सौंपा गया

ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय, लखनऊ में डॉ. सुमन कुमार को विभागाध्यक्ष पद का प्रभार सौंपा गया । रिपो...